Dutyyyyy on February 02, 2019 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps एक सर्द शाम जब कदम रजाई में समेटे,चाय की चुस्की संग अखबार में व्यस्त थे, तभी नजर कुछ पंक्तियों पर ठिठक गई।। " ! रजाई ओढ़ के सोच रहा हूँ,उन्हौंने बर्फ की चादर कैसे ओढ़ी होगी "!Big Salute to the Brave Hearts of the Nation... Comments
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