!!अब चल पड़े हैं कदम बेफिक्र होकर, मंजिलों से मिलने, डर नहीं रास्ते में तूफाँ कितने आएँगे, थक गये अगर कदम कहीं ये सोचकर कि अकेले हैं, दुष्कर हैं रास्ते कंकड़ बहुत हैं, विश्वास हैं खुद पर आज अकेले हैं कल काँरवा भी जुड़ेगा !!

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