"धैर्य डिगा देती है अक्सर समय की पाबंदिया, दुष्कर कठिनाईया, भय असफलता का जकड़ देता है बेड़ियाँ,टूटता है विश्वास खुद के अन्तर्मन से कही, तब कहता है तुझसे तेरा ईश्वर यही, की मत हो निराश,मंज़िल के पंछी, तेरा लक्ष्य है अब नजदीक यही, इक बार फिर ज़ोर लगा सही"



 


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